नागरिकता संशोधन विधेयक का बसपा ने किया विरोध


 


नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग): बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने नागरिकता संशोधन विधेयक का जोरदार विरोध करते हुए कहा है कि यह विधेयक धर्म के आधार पर देश को विभाजित करने का प्रयास है। विपक्ष के तीखे विरोध के बीच गृह मंत्री अमित शाह के लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किए जाने के बाद बसपा के अमरोहा से सांसद कुंवर दानिश अली ने संसद भवन परिसर में एक बातचीत में कहा कि भाजपा इस विधेयक के जरिए देश को धार्मिक आधार पर विभाजित करने का प्रयास कर रही है।


उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी धार्मिक आधार पर मुस्लिम और गैर मुस्लिमों को बांटने का प्रयास कर रही है और यह हमारे संविधान निर्माताओं के सपनों का उल्लंघन हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू तथा मौलाना अबुल कलाम आजाद ने 1947 में धार्मिक आधार पर देश के विभाजन का विरोध किया था।


गौरतलब है कि शाह ने लोकसभा में आज 'नागरिकता संशोधन विधेयक 2019' पेश किया जिसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बंगलादेश से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने वाले हिन्दू, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।


कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग आदि विपक्षी दलों ने इस विधेयक को धार्मिक आधार पर नागरिकता तय करके संविधान की मूल भावना को आहत करने का आरोप लगाया तो श्री शाह ने कहा कि इसमें किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं है।


उन्नाव की बलात्कार पीड़िता को आरोपियों द्वारा जलाए जाने और उसकी मौत से जुड़े एक सवाल पर श्री अली ने कहा कि अगर उस बच्ची को पहले ही सुरक्षा दी गई होती तो शायद वह जीवत रहती। उन्होंने कहा कि इस बच्ची के साथ जो कुछ हुआ है वह राज्य सरकार की अक्षमता का नतीजा है


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