नागरिकता संशोधन बिल पर संग्राम, लोकसभा में ओवैसी ने फाड़ी कॉपी


नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग) :लोकसभा में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल पेश किया। इस दौरान जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 को भेदभावपूर्ण बताते हुये सोमवार को सरकार से कहा कि वह हिंदुस्तान को तोडऩे का नहीं जोडऩे का काम करे।


चौधरी ने सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि उनकी पार्टी किसी पीडि़त को शरण देने के सरकार के विचार के खिलाफ नहीं है, बल्कि उसका विरोध इस बात पर है कि इसके लिए धर्म को आधार बनाया गया है। उन्होंने कहा "यह भेदभावपूर्ण अलग कानून बनाया जा रहा है और हमारा विरोध इस बात पर है।


सिर्फ तीन देशों के छह संप्रदायों को ही इसमें क्यों रखा गया है। बहुत मेहनत के बाद यह हिंदुस्तान बना है, इसे तोडऩे का नहीं जोडऩे का काम करो। लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक को फाड़ दिया। हालांकि इसे सदन की कार्यवाही से बाहर निकाल दिया गया। असदुद्दीन ओवैसी ने बिल का विरोध करते हुए कहा, चीन के बारे में सरकार क्यों नहीं बोलती शायद नागरिकता बिल हिटलर के कानून से भी बदतर है। 


एक और बंटवारा होने जा रहा है. नागरिकता बिल से देश को खतरा है। वहीं ओवैसी ने अपनी बात के आखिर महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए नागरिकता बिल की कॉपी को फाड़ दिया। इससे पहले अधीर रंजन ने कहा कि धर्म के आधार पर नागरिकता देने के लिए कानून बनाने की बजाय यदि सरकार जरूरत महसूस करती है तो वह शरणार्थी कानून ला सकती है। चौधरी ने कहा कि भारत सिर्फ एक भौगोलिक सीमा का नाम नहीं है।


यह देश सिर्फ एक राष्ट्र नहीं एक सभ्यता भी है जिसने सदियों तक "जीओ और जीने दो" के सिद्धांत की सीख दी है।
 चौधरीजेडीयू के राजीव रंजन सिंह ने कहा- हम इस बिल का समर्थन करेंगे। इस बिल को बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। अगर पाकिस्तान में प्रताड़ना के शिकार अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जाती है तो ये सही कदम


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