मेरठ की सीमा पर पुलिस ने राहुल और प्रियंका को रोका,मृतकों के परिजनों को फोन से दुबारा आने का दिया आश्वासन


नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग):नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर 'सत्याग्रह' करने के एक दिन बाद आज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश के मेरठ में इसके विरोध के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मिलने गए लेकिन पुलिस उन्हें शहर में घुसने से पहले ही रोक दिया।कांग्रेस मुख्यालय से मंगलवार को मिली सूचना के अनुसार राहुल गांधी तथा उनकी बहन प्रियंका वाड्रा एक ही कार से विरोध प्रदर्शनों में हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने मेरठ जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें मेरठ से कुछ किलोमीटर पहले परतापुर में ही रोक दिया है। उन्होंने बताया कि गांधी तथा प्रियंका वाड्रा ने पुलिस अधिकारियों से पूछा कि उन्हें क्यों रोका जा रहा है, पुलिस अधिकारियों ने इसका कोई जवाब नहीं दिया और कहा कि शहर में कई जगह धारा 144 लागू है। इस पर गांधी ने कहा कि वे तीन लोग ही जा रहे हैं इसके बावजूद उन्हें अभी आगे जाने की इजाजत नहीं दी गई है। 


प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली से मेरठ पहुंचे प्रियंका गांधी के काफिले को रोकने के लिए परतापुर के मोहद्दीनपुर चौकी के सामने पहले से ही भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। सीओ ब्रह्मपुरी और परतापुर पुलिस मोहद्दीनपुर चौकी पर प्रियंका-राहुल के काफिला रोकने में कामयाब रहे और दोनों नेताओं ने मेरठ शहर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश के मेरठ समेत अनेक शहरों में भारी हिंसा देखने को मिली थी। इस हिंसा में जहां कई प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, वहीं कई पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे।


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