जेल से बाहर आकर राजनीतिक बयान देकर फंसे चिदंबरम, भाजपा हुई हमलावर

 



नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग)- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के मामलों में जमानत पर रिहा हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री पी चिदंबरम ने अदालत की शर्तों का उल्लंघन किया है और कांग्रेस ने उनकी रिहाई पर ऐसे जश्न मनाया जैसे वह कोई स्वतंत्रता सेनानी हों। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संसद भवन में संवाददाताओं से कहा कि चिदंबरम ने पहले ही दिन अदालत के आदेश का उल्लंघन किया है।


भ्रष्टाचार के आरोपों में 105 दिन जेल में बिताने के बाद जमानत मंजूर करते समय अदालत ने कहा था कि वह इस मुकदमे के बारे में कोई भी सार्वजनिक बयान नहीं देंगे। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में खुद को क्लीन चिट देते हुए कहा कि मंत्री के रूप में उनका रिकॉर्ड एकदम पाक साफ है। यह अदालत के आदेश का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बहुत से नेता जेल में हैं या जमानत पर रिहा हैं। उन्हें याद रखना चाहिए कि वे जमानत पर अपराधी के रूप में बाहर हैं, स्वतंत्रता सेनानी के रूप में नहीं।


जावड़ेकर ने कहा कि चिदंबरम ने सभी मुद्दों पर अपनी राय रखी और कहा कि जम्मू-कश्मीर में आजादी नहीं है। उन्होंने कहा कि चिदंबरम को समझना चाहिए कि आज़ादी नहीं थी, 1975 में, जब लाखों लोगों को जेल में बंद कर दिया गया था और संसद को उनकी संख्या तक नहीं बताई गई थी जबकि मोदी सरकार ने बंदियों की पूरी जानकारी संसद को दी है। देश-विदेश के पत्रकार जा रहे हैं। सारे अखबार छप रहे हैं और मनमर्जी से कुछ भी छाप रहे हैं और स्थानीय टीवी चैनल भी चल रहे हैं।


उन्होंने कहा कि घाटी में पत्थरबाज़ी की घटनाओं में खासी कमी आयी है। जब चिदंबरम गृह मंत्री थे तो जम्मू-कश्मीर जल रहा था लेकिन आज कश्मीर विकास के रास्ते पर चल रहा है। उनके समय पर मुद्रास्फीति 10 प्रतिशत के उच्च स्तर पर और आर्थिक वृद्धि दर निचले स्तर पर थी जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में मुद्रास्फीति चार प्रतिशत से नीचे रही है। उन्होंने कहा कि प्याज की तात्कालिक कीमत बाढ़ एवं असामयिक बरसात के कारण इस समय ऊंची है लेकिन कांग्रेस के समय महंगाई और लूट थी।


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 1984 के बारे में दिये गये बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. सिंह का कहना है कि 1984 में शांति जल्दी कायम हो सकती थी बशर्ते कि तत्कालीन गृह मंत्री पी वी नरसिंहराव सेना को जल्दी बुलवा लेते। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह जानते हैं कि सेना को गृह मंत्री नहीं बल्कि प्रधानमंत्री आदेश देकर बुलवाते हैं।


अगर वे दिवंगत नरसिंहराव को बुरा व्यक्ति समझते हैं तो उनके मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री क्यों बने थे। उन्होंने यह भी कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उलटा दंगों में सिखों के मारे जाने का परोक्ष समर्थन करते हुए कहा था कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। उन्हें अपनी गलती माननी चाहिए।


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