हुबारा बस्टर्ड के सहारे चौपट पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायत में सरकार


 


इस्लामाबाद (स्वतंत्र प्रयाग) पाकिस्तान सरकार अपनी चौपट अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लुप्तप्राय प्रजाति के पक्षियों की हत्या के सौदे से भी गुरेज नहीं कर रही। सरकार ने कतर के अमीर और शाही परिवार के नौ अन्य लोगों को लुप्तप्राय प्रजाति के 100 होबारा बस्टर्ड का शिकार करने के लिए विशेष परमिट जारी किए हैं। इस कदम के खिलाफ देश में बढ़ती आलोचना के बावजूद सरकार ने  पैसों के लिए यह फैसला लिया। 


होबारा बस्टर्ड मूल रूप से ठंडे मध्य एशियाई क्षेत्र का है। कठोर ठंडे वातावरण से बचने को ये सर्दी बिताने के लिए हर साल दक्षिण की ओर पलायन कर पाकिस्तान में बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।


डॉन ने सूत्रों के हवाले से बताया कि विदेश मंत्रालय ने 2019-2020 शिकार के मौसम के लिए परमिट जारी किए हैं। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद बिन खलीफा अल थानी, उनके चाचा, भाई और तेल समृद्ध खाली देश के अन्य सात शाही लोगों को परमिट जारी किए गए हैं। 


परमिट के तहत वे 10 दिन में 100 होबारा बस्टर्ड का शिकार कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि खाड़ी देशों के शाही परिवारों के सदस्यों को लुप्तप्राय प्रजातियों के पक्षियों के शिकार के लिए हर साल परमिट जारी किए जाते हैं। जबकि इसके खिलाफ देश में आलोचना बढ़ रही है।


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