एनपीआर पर अरुंधति राय के विवादित बयान से गरमाई सियासत, भाजपा ने साधा निशाना-कांग्रेस ने किया किनारा 


नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग):नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शन में शामिल लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय ने आज एक विवादि बयान दे दिया। प्रदर्शन के दौरान राय ने कहा कि वे इसका विरोध करें और जब अधिकारी एनपीआर के लिए आपका डेटा लेने के लिए आपके घर आएं तो आप अपना नाम और पता गलत बता दीजिए।
 
अरुंधति ने कहा कि-जब एनपीआर लेकर आएंगे। आपसे आपका नाम पूछेंगे। हम पांच नाम तय करते हैं। आप अपना नाम रंगा बिल्ला या कुंगफू कुत्ता या 7 रेस कोर्स रोड बताइएगा। हम सिर्फ लाठी और गोली खाने पैदा नहीं हुए हैं और भी सोच कर करना होगा।


अरुंधति रॉय ने बेहद तल्ख अंदाज में सरकार की आलोचना करते हुए कहा, नॉर्थ ईस्ट में जब बाढ़ आती है तो मां अपने बच्चों को बचाने से पहले अपने नागरिकता के साथ दस्तावेजों को बचाती है, क्योंकि उसे मालूम है कि अगर कागज बाढ़ में बह गए तो फिर उसका भी यहां रहना मुश्किल हो जाएगा। वहीं इस सभा में पहुंचे जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर और अर्थशास्त्री अरुण कुमार ने कहा कि वे सरकार से शिक्षा एवं अपने रोजगार को लेकर प्रश्न पूछें।


कुमार ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह लडख़ड़ा चुकी है, विकास दर साढ़े चार प्रतिशत भी नहीं बची। और इसी तथ्य को छुपाने के लिए ऐसे कानून लाए जा रहे हैं।  



 भाजपा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी का कहना है कि यह हैरान करने वाला है। यह देशद्रोह है। एनपीआर के लिए सरकार जो डेटा मांग रही है वह वीजा, मास्टर कार्ड, बैंक और अन्य जगहों पर मांगे जाने वाले जरूरी डेटा से कम है।


उधर, जब कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी से इस बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो इसने कहा कि यह अजीब हो सकता है लेकिन वह इस पर कुछ नहीं कहना चाहते। उन्होंने कहा, हम लोगों से यही कहना चाहेंगे कि सरकार हो या आम जनता उन्हें संविधान के नियम, कानून के मुताबिक चलना चाहिए।


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