दिल्ली में हिंसक प्रदर्शन के बाद तनाव, UP के छह जिलों में धारा 144 लागू, इंटरनेट सेवाएं बंद
लखनऊ (स्वतंत्र प्रयाग): देश की राजधानी दिल्ली के आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर रविवार को छात्रों और राजनेताओं ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने इन्हें हटाने का प्रयास किया तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव कर दिया और भीड़ ने करीब आधा दर्जन बसों में आग लगा दी। इस हिंसक विरोध के चलते उत्तर प्रदेश के छह जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। जबकि अलीगढ़ और सहारनपुर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। इसके अलावा अलीगढ़, बनारस और यूपी की राजधानी लखनऊ में भी छात्रों ने प्रदर्शन किया।
पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल
वहीं पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठने लगे है। जामिया मिलिय यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर नजमा अख्तर ने छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए एक वीडियो मैसेज जारी कर कहा, छात्रों के साथ हुए व्यवहार से मैं दुखी हूं। मैं अपने छात्रों को यह बताना चाहती हूं कि इस लड़ाई में वे अकेले नहीं हैं. मैं उनके साथ हूं. मैं यह मामला आगे तक ले जाऊंगी। वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया में पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ एक छात्र ने शर्ट निकालकर घुटने के बल बैठकर प्रदर्शन किया।
छात्र का कहना है कि उसने अपनी शर्ट इसलिए निकाल दी, ताकि पुलिस आकर उसे मारे। हालांकि थोड़ी देर तक समझाने के बाद उसने अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया। पुलिस कार्रवाई के विरोध में केरल में प्रदर्शन
पुलिस की कार्रवाई के विरोध में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) तथा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के कार्यकर्ताओं ने मध्यरात्रि में केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम स्थित राजभवन की ओर जुलूस निकाला तथा राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया।
राजभवन के सामने मध्यरात्रि में आयोजित प्रदर्शन में सैकड़ों वाम कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में भी प्रदर्शन होने की सूचना मिली है। कांग्रेस की छात्र इकाई के कार्यकर्ताओं ने भी इसी तरह से विरोध प्रदर्शन किया और राजभवन की ओर जुलूस निकाला। इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून पर बोलते हुए मुख्यमंत्री पिनरयी विजयन ने केरल इस दमनकारी कानून के खिलाफ लड़ेगा और विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर राज्य सरकार के साथ आएंगी।
कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस द्वारा जबरन घुसकर कथित तौर पर छात्रों के साथ मारपीट करने के विरोध में जामिया, जवाहर लाल नेहरू और दिल्ली विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्रों ने रविवार को नई दिल्ली स्थित पुलिस मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। पुलिस मुख्यालय के सामने प्रदर्शन में कई शिक्षक भी शामिल थे।
सूत्रों ने बताया कि जामिया में पुलिस की कार्रवाई तथा आंसू गैस के धुएं से दम घुटने के कारण एक छात्र की मौत हो गई है हालांकि पुलिस अधिकारी ने किसी की मौत से इनकार किया है।जामिया की कुलपति ने कहा है कि रविवार को धरना प्रदर्शन का आह्वान छात्रों ने नहीं किया था बल्कि आस-पास के रिहायशी इलाकों के लोगों ने किया था। कुलपति के मुताबिक यह लोग जब रैली निकालकर जा रहे थे तो जुलैना में पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई तब पुलिस ने उनका पीछा किया और पीछा करते हुए वे विश्वविद्यालय और लाइब्रेरी में घुसी।
भीड़ को खदेड़ने के बाद पुलिस जामिया परिसर में घुसी और कार्रवाई को अंजाम दिया। दक्षिणी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने बताया कि पुलिस ने कोई फायरिंग नहीं । जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस द्वारा जबरन घुसकर कइसबीच कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि जामिया मिल्लिया में पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर निर्दोष छात्रों पर अत्याचार किया है और इस मामले की जांच होनी चाहिए।
पार्टी ने आरोप लगाया कि बार-बार विश्वविद्यालयों को राजनीति का अखाड़ा बनाया जा रहा है हैदराबाद, इलाहाबाद, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के बाद जामिया मिल्लिया विश्वविद्यायल को निशाना बनाया गया है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी पुलिस कार्रवाई की निंदा की है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने कुलपति के अनुमति के बिना जामिया में प्रवेश किया। विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति के बिना पुलिस शिक्षण संस्थान में प्रवेश नहीं कर सकती। इसलिए इस मामले में पुलिस खुद दोषी है। उन्होने कहा उन्होंने संसद से आग्रह किया था कि नागरिकता संशोधन कानून सरकार न लाये। इससे स्थिति तनावपूर्ण हो जाएगी और यही हो रहा है
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