छात्रवृत्ति घोटाले में सीबीआई ने मांगी चार शिक्षा अधिकारियों विरूद्ध कार्रवाई की मंजूरी

शिमला (स्वतंत्र प्रयाग) हिमाचल केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हिमाचल प्रदेश में बहुचर्चित 265 करोड़ के छात्रवृति घोटाले में शिक्षा विभाग के चार अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला चलाने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी मांगी है। इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं।


सरकार अगर मंजूरी देती है तो चारों अधिकारियों के नाम सीबीआई द्वारा आरोप पत्र शामिल किए जाएंगे। सीबीआई जल्द ही अदालत में इस मामले में आरोपपत्र दाखिल करने की तैयारी में है जिसमें शिक्षा विभाग के इन अधिकारियों के साथ अनेक बैंक और निजी शिक्षण संस्थानों के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी नामजद किए जाने की सम्भावना है।



सीबीआई जांच में यह सामने आया है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के मेधावी छात्रों को सरकार द्वारा दी जाने छात्रवृत्ति राशि ये निजी संस्थान डकार गए। मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्तियाें की राशि भी छात्रों के फर्जी दाखिले दिखा कर हड़प ली गई।


सरकार की ओर से अनुसूचित जाति के छात्र को 50,000 और अनुसूचित जनजाती के छात्र को 98,000 की छात्रवृति मिलती है। सीबीआई जांच में सामने आया है कि संस्थान में छात्रवृति की रकम ज्यादा हड़पने के लिए छात्रों की न केवल जाति ही बदल दी गई बल्कि छात्रों के विषय (संकाय) तक बदल दिए। भ्रष्टाचार के इस सारे खेल में शिक्षा महकमे के अधिकारियों की पूरी शह रही। शिक्षा विभाग के तत्कालीन अधिकारियों को इसके एवज में कमीशन दिया जाता था।


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