छात्र हिंसा की न्यायिक जांच कराये सरकार: मायावती


लखनऊ (स्वतंत्र प्रयाग) : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में दिल्ली और अलीगढ़ में छात्र हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुये मामले की न्यायिक जांच कराये जाने की सलाह दी है और साथ ही लोगों से शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील की है।


सुश्री मायावती ने ट्वीट किया “ नये नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में की गई हिंसा में पहले उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ और फिर जामिया यूनिवर्सिटी में तथा पूरे जामिया क्षेत्र में भी जो काफी बेकसूर छात्र एवं आमलोग शिकार हुए हैं यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है तथा पार्टी पीड़ितों के साथ है।


उन्होने कहा “ ऐसे में उत्तर प्रदेश और केन्द्र सरकार को चाहिये कि वे इन वारदातों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराये और उनके मूल दोषी किसी भी कीमत पर बचने नहीं चाहिये तथा पुलिस व प्रशासन को भी निष्पक्ष रूप में कार्य करना चाहिए वरना यह आग पूरे देश में व खासकर शिक्षण संस्थानों में भी काफी बुरी तरह से फैल सकती है।


बसपा अध्यक्ष ने सभी संप्रदायों के लोगों से यह भी अपील है वे शान्ति-व्यवस्था को बनाये रखें।इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिल्ली के जामिया मिलिया के छात्र छात्राओं पर पुलिस कार्रवाई की भर्त्सना करते हुये इसे गुजरात माडल करार दिया था।उन्होने ट्वीट कर कहा “ जिस प्रकार जामिया मिलिया के छात्र-छात्राओं से बर्बरतापूर्ण हिंसा हुई है।


और विद्यार्थी अभी भी फँसे हुए हैं, ये बेहद निंदनीय है। पूरे देश को हिंसा में फूँक देना ही क्या आज के सत्ताधारियों का असली 'गुजरात मॉडल' है.गौरतलब है कि अलीगढ़ में नागरिकता संशोधन विधेयक को पिछले चार दिनो से प्रदर्शन कर रहे अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी की छात्रों ने रविवार को जमकर बवाल काटा जिसके बाद यूनीवर्सिटी की परीक्षायें स्थगित कर विश्वविद्यालय में शीतकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया। अफवाहों से बचने के लिये जिले में इंटरनेट सेवायें बाधित कर दी गयी है।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अंडरलोड ट्रक को सीज कर राजस्व की कर रहे है पूर्ति ओवरलोड अवैध खनन को दे रहे बढ़ावा

पुरा छात्र एवं विंध्य गौरव ख्याति समारोह बड़े शानोशौकत से हुआ सम्पन्न

प्रयागराज में युवक की जघन्य हत्या कर शव को शिव मंदिर के समीप फेंका , पुलिस ने शव को लिया अपने कब्जे में