अयोध्या मामला फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, पुनर्विचार याचिका दायर

 नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग)- अयोध्या का राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद जमीन विवाद सोमवार को उस वक्त एक बार फिर उच्चतम न्यायालय की दहलीज पर पहुंच गया, जब मुस्लिम पक्ष के मूल याचिकाकर्ता के प्रतिनिधियों ने पुनर्विचार याचिका दायर की। अयोध्या मामले में गत नौ नवंबर को शीर्ष अदालत का ऐतिहासिक फैसला आने के करीब तीन हफ्ते बाद जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी।


217 पन्नों की इस याचिका में याचिकाकर्ता ने संविधान पीठ के फैसले पर सवाल उठाए हैं। याचिका में मुस्लिम संगठनों का पक्ष दोबारा सुने जाने की मांग की गई है।
याचिका में ये भी मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दे कि मंदिर बनाने को लेकर ट्रस्ट का निर्माण न करे। याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने 1934, 1949 और 1992 में मुस्लिम समुदाय के साथ हुई ना-इंसाफी को गैरकानूनी करार दिया, लेकिन उसे नजरअंदाज भी कर दिया। याचिका में कहा गया कि इस मामले में  पूर्ण न्याय तभी होता जब मस्जिद का पुनर्निर्माण होगा।


उधर, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अयोध्या मामले को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा-ए-हिंद पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले में पुनर्विचार याचिका की बात करने वाले लोग बिखराव और टकराव का माहौल पैदा करने की कोशिश में हैं लेकिन समाज इसे स्वीकार नहीं करेगा।


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