आराधना मिश्रा ने साधा BJP पर निशाना, कहा- बलात्कारियों को संरक्षण दे रही
लखनऊ(स्वतंत्र प्रयाग) कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा बुधवार को प्रेस वार्ता कर भाजपा सरकार पर निशाना साधा प्रदेश में जिस तरह से महिलाओं के विरूद्ध अपराध बढ़ रहे हैं वह बहुत ही चिन्ता का विषय है। उससे ज्यादा चिंता का विषय यह है कि भाजपा की सरकार सीधे-सीधे बलात्कारियेां को संरक्षण देने का भी कार्य कर रही रही है।
प्रदेश में कानून का कोई शासन नहीं निर्णय नही दे पा रही है कांग्रेस उनके लिए संघर्ष करेगी। 13 दिसंबर को मैं साहस हूं के नाम से कार्यक्रम किया जा रहा है। जिसका प्रदेश के हर मुख्यालयों पर आयोजन होगा। जो लगातार देश-प्रदेश में बढ़ती घटनाओं को लेकर देश और प्रदेश की सरकार के खिलाफ एक आंदोलन होगा।
उन्होंने कहा कि उ0प्र0 में बलात्कार के मामलों में बाढ़ सी आ गई है जिसकी वजह से नारी सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा आज अपराधी बचाओ और नारी सताओ की तरफ चली गई है। उन्नाव, शाहजहांपुर, ग्रेटर नोएडा, बांदा, मेरठ जैसे शहरों में सामूहिक बलात्कार की अनेकों घटनाएं हो चुकी हैं और सरकार कुंभकर्णी नींद सो रही है।
सरकार इतनी संवेदनहीन है कि प्रदेश में नारी सुरक्षा तो कर नहीं पा रही है और साथ ही महिलाओं के विरूद्ध बढ़ते अपराधों का कोई आंकड़ा भी जारी नहीं कर रही है। अगर सरकार के पास सही आंकड़ें होंगे और वे आंकड़े सार्वजनिक होंगे तो सरकार कानून का शासन बेहतर तरीके से लागू कर सकती है।
उन्नाव में भाजपा के विधायक कुलदीप सेंगर पर जब बलात्कार का आरोप लगा था। तब सरकार उसको संरक्षण नहीं देती तो उन्नाव में और प्रदेश में लगातार बलात्कार की घटनाएं न बढ़ती। प्रियंका गांधी के द्वारा किए गये हस्तक्षेप और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के पश्चात प्रदेश सरकार जागी।
11 माह के अन्दर सिर्फ उन्नाव में 51 बलात्कार के मामले दर्ज हुएआराधना मिश्रा ने कहा कि 11 माह के अन्दर सिर्फ उन्नाव में 51 बलात्कार के मामले दर्ज हुए। ठीक इसी तरह से भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने शाहजहांपुर में अपने वरिष्ठ नेता चिन्मयानंद को बचाने के लिए पूर्ण प्रयास किए और मुख्यमंत्री उनको शरण देते रहे।
प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के आंदोलन की वजह से व अदालत के आदेश के बाद ही सरकार ने कार्यवाही करनी शुरू की। इन दो घटनाओं की वजह से प्रदेश में अपराधियों का हौसला बुलंद हुआ वह औरतों की अस्मत से खिलवाड़ करने लगे।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के बाद एनसीआरबी का डेटा सार्वजनिक नहीं किया गया। सरकार उसको दो वर्ष से क्यों छिपाये है? प्रदेश सरकार अगर गंभीर होती तो वर्ष 2018 के आंकड़ों का आंकलन करके अपराधियों से लड़ने के लिए एक ठोस रणनीति बना सकती थी। अगर सब कुछ सही है तो अपराध के आंकड़ों को सार्वजनिक करने से सरकार क्यों डर रही है। एक दैनिक समाचारपत्र में छपे सर्वे के मुताबिक प्रदेश में महिला व किशोरियों के साथ होने वाली 100 एफआईआर प्रतिदिन सिर्फ यौन उत्पीड़न की है।
उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2013 में देश में बलात्कार के मामलों में चार्जशीट दाखिल करने का प्रतिशत 95.5 था। जो वर्ष 2017 में घटकर 86.4 प्रतिशत रह गया। अगर सरकार द्वारा चार्जशीट समय से दाखिल नहीं होगी तो न्यायालय किस आधार पर अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा। यह एक प्रकार से सरकार द्वारा अपराधियों को सरंक्षण देना है।
उत्तर प्रदेश में चार्जशीट दाखिल करने की चींटी जैसी चाल हम सभी को पता है। मैनपुरी नवोदय विद्यालय की घटना को भी प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लेने का कार्य तब किया जब कांग्रेस पार्टी की महासचिव व प्रभारी उ0प्र0 प्रियंका गांधी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। उसके बाद ही योगी सरकार कुंभकर्णीं नींद से जागी और आनन-फानन में एसआईटी का गठन किया।
वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणापत्र में यह वादा किया था कि प्रदेश में महिला सुरक्षा हेतु तीन नई महिला पुलिस बटालियन बनाई जाएगी। लेकिन आज तक एक भी नई बटालियन नहीं बनाई गई है। भाजपा नारी सुरक्षा को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।
अपने घोषणापत्र में भारतीय जनता पार्टी ने महिला उत्पीड़न के मामलों में त्वरित जांच के लिए 1000 महिला अफसरों का विशेष जांच विभाग और 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की बात कही थी लेकिन ढाई साल बीतने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी फास्ट ट्रैक कोर्ट खोलने की बात कर रही है। साथ ही प्रदेश के हर जिले में 3 महिला पुलिस स्टेशन स्थापित करने की बात भी कही गई थी इसके बारे में भी भारतीय जनता पार्टी खामोश है।
उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में तीन लाख 59 हजार 849 मामले महिलाओं के विरूद्ध अपराध के दर्ज हुए। जिनमें से 56 हजार 11 मामले उत्तर प्रदेश से हैं। उत्तर प्रदेश के कुल मामलों में से 4246 माले बलात्कार के हैं। 19.11.2019 को तारांकित प्रश्न संख्या 39 का उत्तर देते हुए सरकार ने लोकसभा में माना कि वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में सामूहिक बलात्कार के 676 मामले दर्ज हुए।
उत्तर प्रदेश सरकार के पास यह सब आंकड़े उपलब्ध थे उसके बाद भी सरकार ने महिलाओं के विरूद्ध अपराध रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किए।
आराधना मिश्रा ने भाजपा से जवाब मांगते हुए कहा कि योगी सरकार को बताना होगा कि सत्ता में बैठने के पश्चात महिलाओं की सुरक्षा के लिए योगी सरकार ने कौन-कौन सी कार्य योजनाएं बनाई हैं। भारतीय जनता पार्टी ने बलात्कार का आरोप लगने पर अपने नेताओं को संरक्षण क्यों दिया और त्वरित कार्यवाही करके पीड़िता को न्याय क्यों नहीं दिलाया।
भाजपा उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 के अपराध के आंकड़े क्यों नहीं जारी कर रही है जबकि वर्ष 2019 बीतने वाला है। मैनपुरी नवोदय विद्यालय में छात्रा की हत्या में बलात्कार के मामले में एसटीएफ का गठन करने में देरी क्यों की। चुनावी घोषणापत्र में 3 नई महिला पुलिस बटालियन बनाने की बात कही गई थी।
लेकिन आज तक किसी भी बटालियन का गठन क्यों नहीं किया गया। वर्ष 2017 में सामूहिक बलात्कार के 676 मामले सरकार की जानकारी में थे। उसके बाद भी सरकार ने बलात्कार व सामूहिक बलात्कार रोकने के लिए कोई कार्य योजना क्यों तैयार नहीं की व त्वरित न्याय के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट क्यों नहीं बनाए गए
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