पंजाब में धान की पराली न जलाने वाले किसानों को मिलेगा 2500 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा
चंडीगढ़ (स्वतंत्र प्रयाग) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की हिदायतों पर पंजाब सरकार ने धान के अवशेष को आग न लगाने वाले किसानों को प्रति एकड़ 2500 रुपए मुआवज़ा देने का फ़ैसला किया है। इस संबंध जानकारी देते हुए कृषि विभाग के सचिव काहन सिंह पन्नू ने बताया कि ग़ैर-बासमती धान की फ़सल लगाने वाले पाँच एकड़ तक की मालकी वाले किसानों को पराली को आग न लगाने के बदले 2500 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवज़ा मिलेगा।
उन्होंने बताया कि इस मुआवज़े का हकदार वह किसान होगा जिसके पास अपने, पत्नी और 18 साल से कम उम्र के बच्चों के नाम पर कुल 5 एकड़ तक ही ज़मीन की मालकी है और इस ज़मीन या इसके किसी हिस्से में ग़ैर-बासमती धान की खेती करता हो और खेत के किसी भी हिस्से में धान के अवशेष को आग न लगाई हो।
यह मुआवज़ा हासिल करने सम्बन्धी विस्तार में बताते हुए पन्नू ने बताया कि उक्त शर्तें पूरी करने वाले किसान परिवार के प्रमुख द्वारा गाँव की पंचायत के पास उपलब्ध स्व-घोषणा पत्र में माँगी गई जानकारी भर कर 30 नवंबर, 2019 तक पंचायत को दी जाये जिसकी तस्दीक करने के उपरांत मुआवज़े की राशि योग्य किसान के खाते में आयेगी।
इस मौके पर पन्नू ने किसानों से अपील भी की कि वह धान के अवशेष को बिल्कुल आग न लगाएं क्योंकि ऐसा करना सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है और यह कदम उठाने वाले किसानों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
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