कांग्रेस की बैठक शाम को खत्म, बाहर से समर्थन, NCP भी अकेले नहीं लेना चाहती रिस्क, 11 बड़ी बातें
नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग)बीजेपी-शिवसेना का क़रीब 30 साल पुराना रिश्ता टूट गया है और वह एनडीए से बाहर आ गई है. शिवसेना के इकलौते केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफ़े का ऐलान कर दिया. शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि बीजेपी अपने वादे से मुकर गई और विपक्ष में बैठने का फ़ैसला जनता के अपमान जैसा है. इधर राज्य में बदले समीकरण के एनसीपी कोर कमेटी की बैठक भी है. वहीं दिल्ली में सोनिया गांधी के घर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक शाम 7.30 पर खत्म हो गई है. इधर सरकार गठन की कवायद को लेकर उद्धव ठाकरे आज शरद पवार से मिल सकते हैं. वहीं शिवसेना नेता संजय राउत दिल्ली आकर कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी से मिल सकते हैं।
11 बड़ी बातें
आज दोपहर 2:30 बजे शिवसेना महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी मुलाकात करने वाली है. सुबह ट्वीटर पर इस्तीफे का ऐलान करने वाले मोदी सरकार में शिवसेना के मंत्री अरविंद सावंत ने अभी तक औपचारिक इस्तीफा नहीं भेजा है।
सूत्रों का कहना है कि अरविंद सावंत शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की हां का इंतजार कर रहे हैं. उद्धव ठाकरे कांग्रेस और एनसीपी के लिखित समर्थन का इंतजार हो रहा है।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक खत्म हो गई अब शाम 4 बजे महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक में फैसला लिया कि कांग्रेस बाहर से समर्थन देगी ।
वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि सब कुछ कांग्रेस अध्यक्ष पर निर्भर है कि शिवसेना को समर्थन देना नहीं है या नहीं।शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अगर बीजेपी, पीडीपी से हाथ मिला सकती है तो शिवसेना, कांग्रेस-एनसीपी से क्यों नहीं.
शिवसेना के NDA से अलग होने पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि इससे हमको क्या मतलब.
महाराष्ट्र में कांग्रेस का एक खेमा सरकार में शामिल होने के पक्ष में तो दूसरा बाहर से समर्थन देने के पक्ष में.
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है जब तक कांग्रेस कोई फैसला नहीं करती है हम आगे नहीं बढ़ेंगे.
नवाब मलिक ने कहा कि शरद पवार ने पहले ही कह दिया था कि इस पर कांग्रेस पर ही निर्भर है. कांग्रेस की शाम 4 बजे होने वाली बैठक के बाद निर्णय होगा.
वहीं पर आज शाम को शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल से शाम 6बजे मुलाकात के बाद सरकार बनाने के लिए 24घंटे समय मांगा पर राज्यपाल ने समय देने से इंकार कर दिया
दरअसल ऐसा लग रहा है NCP शिवसेना को समर्थन देने का अकेले रिस्क नहीं लेना चाहती है क्योंकि बीजेपी जनता के बीच यही बताएगी कि किस तरह से सत्ता के खातिर तीनों पार्टियां एक हो हो गई हैं. इसलिए एनसीपी बार-बार गेंद कांग्रेस के पाले में डाल रही है.
वहीं पर शाम 8बजे तक कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन की चिट्ठी नहीं मिल पायी थी फिलहाल
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