देश की 9 हाउसिंग मार्केटों में मौजूद कुल विलंबित परियोजनाओं  में से आधे से अधिक एमएमआर में : प्रॉपटाइगर रिपोर्ट 


नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग)- रियल एस्टेट सर्वे कंपनी प्रॉपटाइगरडॉटकॉम के मुताबिक मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में  आधे से अधिक आवास परियोजनाएं जो पांच साल से अधिक की देरी से चल रही हैं, ऐसी प्रोजेक्ट के  2020 के बाद तक पूरा होने की संभावना है।  एक विश्लेषण के अनुसार जिसमें देश के 10 प्रमुख आवासीय मार्केट शामिल हैं, पूरे भारत में रेरा के अंतर्गत पंजीकृत कुल 1,665 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जो लगभग 5 साल की देरी से चल रहे हैं और इनके 2020 के बाद ही पूरा होने की संभावना है।



इन प्रोजेक्ट में 880 प्रोजेक्ट में लगभग दो लाख से अधिक यूनिट शामिल हैं और यह एमएमआर मार्केट  में मौजूद है, जिन्हें भारत के सबसे महंगे प्रॉपर्टी मार्केटों में गिना जाता है।  दूसरी ओर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम के मार्केटों में कुल 125 परियोजनाएँ देरी से चल रही हैं, जिनमें एक लाख से अधिक आवास यूनिट्स शामिल हैं। एलारा टेक्नोलॉजीज के ग्रुप सीओओ मणि रंगराजन, जो देश का रियल एस्टेट टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म है।


और हाउसिंगडॉटकॉम, मकानडॉटकॉम व प्रॉपटाइगरडॉटकॉम की मालिकाना कंपनी है, ने बताया कि “लिक्विडिटी की समस्या  सबसे जटिल है, जो भारत में प्रोजेक्टों में देरी का सबसे बड़ा कारण है।
उन्होंने आगे कहा कि एमएमआर में आवास परियोजनाओं के एआईएफ के शर्तों को पूरा करने की अधिक संभावना है।  इसके अलावा परियोजना में देरी के लिहाज से हैदराबाद और पुणे के आंकड़े एमएमआर जैसे हैं, जहाँ क्रमशः 276 और 241 आवास परियोजनाओं पांच वर्षों से अधिक की देरी से चल रहे हैं।


हालाँकि यूनिट्स की संख्या के मामले में हैदराबाद 15,138 घरों के साथ 10 शहरों की सूची में सबसे कम शहरों में से एक है।  पुणे में 47,000 से अधिक आवास यूनिट्स आधे दशक से अधिक की देरी से चल रहे हैं और डाटा के मुताबिक 2020 के बाद पूरा होने की सम्भावना है। हाल ही में घोषित वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) से लाभ पाने वाले बाजार सरकार की हाल ही में घोषित 25,000 करोड़ रुपये की एआईएफ की सबसे बड़ी लाभार्थी मार्केट  एमएमआर  की हाउसिंग मार्केट हो सकती है।


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