देश के 47वें मुख्य न्यायाधीश बने एसए बोबडे, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

 नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग): सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस शरद अरविंद बोबडे आज देश के प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ले ली है। सीजेआई एस ए बोबड़े 23 अप्रैल 2021 तक अपने पद पर बने रहेंगे। उन्होंने जस्टिस रंजन गोगोई का स्थान लिया। जस्टिस गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो गए हैं।


जस्टिस बोबडे को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति भवन में पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाई।वो चीफ जस्टिस रहे रंजन गोगोई के बाद सबसे सीनियर जज थे। रंजन गोगोई ने जस्टिस बोबडे को मुख्य न्यायाधीश बनाने के लिए उनके नाम की सिफारिश की थी जिसपर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वारंट जारी किया था।


जस्टिस बोबडे उस संवैधानिक पीठ के हिस्सा थे जिसने 9 नवंबर को अयोध्या टाइटल सूट केस में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। जस्टिस बोबड़े ने उस तीन सदस्यीय इन हाउस जांच समिति की अध्यक्षता की थी, जिसने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर एक महिलाकर्मी द्वारा लगाए यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच की। समिति ने पूर्व चीफ जस्टिस गोगोई को क्लीन चिट दी थी।


समिति में जस्टिस बोबड़े के अलावा दो महिला जज जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस इंदु मल्होत्रा भी शामिल थीं।एसए बोबड़े का जन्म नागपुर में 24 अप्रैल 1956 को हुआ था। नागपुर विश्वविद्यालय से उन्होंने ग्रेजुएशन और एलएलबी की डिग्री हासिल की थी। नागपुर बेंच से उन्होंने अपने प्रैक्टिस की शुरुआत की।


वर्ष 2000 में बोबड़े मे एडिश्नल जज का पदभार संभाला और बाद में वो मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने।जस्टिस बोबड़े द्वारा फैसलों की फेहरिश्त देखें तो उनमें आधार कार्ड, दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध अहम है।


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