भारतीय रेलवे उठाने जा रही है बड़ा कदम ,अब आम लोग भी कर सकेंगे लग्जरी ट्रेनों में सफर

नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग): भारतीय रेलवे ने देश में पर्यटकों के लिए चलने वाली लग्ज़री ट्रेनों के किराये घटाने और आम मध्यम वर्गीय सैलानियों के लिए किफायती बनाने के निर्देश दिए हैं।


रेल राज्य मंत्री सुरेश सी अंगड़ी ने यहां रेल भवन में कर्नाटक राज्य पर्यटन निगम (केएसआरटीसी) द्वारा 11 वर्ष पहले शुरू की गयी ऐसी ही एक लग्ज़री ट्रेन गोल्डन चैरियट के विपणन, प्रचार एवं परिचालन के लिए केएसआरटीसी एवं भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने के अवसर पर यह निर्देश दिया।


अंगड़ी ने कहा कि गोल्डन चैरियट एवं अन्य लग्ज़री ट्रेनों को ना केवल विदेशी बल्कि भारत के आम लोगों के लिए किफायती बनाया जाना चाहिए। रेलवे ने पहले ही ऐसी ट्रेनों के हाॅलेज शुल्क घटा दिये हैं जिससे किराये में कमी आई है। कुछ सेवाओं में भी लागत घटाकर किराये को आम आदमी के लिए मुफीद बनाया जाना चाहिए।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को लालकिले से भारतीय पर्यटकों को सलाह दी थी कि वे कम से कम भारत के 15 दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करेें। इसके लिए ये ट्रेनें उपयुक्त सेवाएं सुलभ करा सकतीं हैं।इस मौके पर मौजूद कर्नाटक के पर्यटन मंत्री सी टी रवि ने कहा कि इस ट्रेन के माध्यम से कर्नाटक की खूबसूरती को दुनिया देख सकेगी।


उन्होंने कहा कि कर्नाटक में हम्पी, हेलबिड, पट्टडाकल जैसे प्राचीन धरोहर स्थल हैं, 17 हिल स्टेशन हैं, पश्चिमी घाट की खूबसूरत वादियां हैं और वन्य अभयारण्य हैं। यह ट्रेन दक्षिण भारत की एक मात्र लग्ज़री ट्रेन है और इस ट्रेन के माध्यम से ना केवल कर्नाटक, तमिलनाडु, पुड्डुचेरी और केरल के स्थलों को कवर किया जाएगा।समझौते पर केएसआरटीसी के प्रबंध निदेशक कुमार पुष्कर और आईआरसीटीसी की कार्यकारी निदेशक (पर्यटन) रजनी हसीजा ने हस्ताक्षर किये।


समझौते के अनुसार आईआरसीटीसी गोल्डन चैरियट के विपणन एवं प्रचार करेगी और गाड़ी का परिचालन करेगी जबकि केएसआरसीटीसी गाड़ी की साजसज्जा और पर्यटक स्थलों की सुविधाओं पर ध्यान देगी।देश में इस समय चार लग्ज़री ट्रेनें चलतीं हैं जिनमें पैलेस ऑन व्हील्स, महाराजा एक्सप्रेस, डेक्कन ओडिसी और गोल्डन चैरियेट हैं। गोल्डन चैरियेट गाड़ी की शुरुआत 2008 में हुई थी।


करीब 600 डॉलर प्रति दिन प्रति सैलानी के किराये वाली इस गाड़ी में औसतन 40 यात्री ही जाते रहे हैं जबकि गाड़ी में कुल 88 यात्रियों की जगह है। पुष्कर के अनुसार एक सीज़न में यह ट्रेन 15 से 18 चक्कर लगाती है जबकि क्षमता 30 चक्कर तक की है। ऐसी उम्मीद है कि 600 डॉलर का किराया 250 से 300 डॉलर प्रति दिन प्रति यात्री तक लाया जा सकता है।


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