रघुराम राजन ने जो किया, उसकी सजा भुगत रहे है बैंक :-निर्मला सीतारमण

बिजनेस खबरनई दिल्‍ली (स्वतंत्र प्रयाग): रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की ओर से देश के आर्थिक हालात को लेकर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पलटवार किया है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एक लेक्चर के दौरान उन्होंने कहा कि बतौर आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के दौर में देश के सरकारी बैंकों की हालात बदतर हो गई। उन्‍होंने आरोप लगाया कि रघुराम राजन के दौर में सिर्फ एक फोन कॉल पर लोन दे दिए जाते थे।
निर्मला सीतारमण ने कहा, 'मैं रघुराम राजन की एक बड़े स्कॉलर के रूप में इज्जत करती हूं, जो ऐसे वक्त में आरबीआई का गवर्नर बने, जब अर्थव्यवस्था हर तरह से खुशहाल थी।' सीतारमण ने आगे कहा, 'रघुराम राजन ही उस वक्त आरबीआई के गवर्नर थे, जब महज राजनेताओं के एक फोन कॉल पर सरकारी बैंकों से लोन दिए गए और उसकी सजा ये बैंक आज तक भुगत रहे हैं।' सीतारमण ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के दौर का भी जिक्र कर निशाना साधा।


बज्ञता दें कि जब हाल ही में रघुराम राजन ने सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की है। बीते दिनों एक लेक्‍चर के दौरान रघुराम राजन ने कहा था, ''सरकार के दृष्टिकोण में अनिश्चितता है, यही वजह है कि देश की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय स्तर पर सुस्‍ती देखने को मिल रही है।'  रघुराम राजन ने कहा कि हमने पहले की समस्‍याओं का समाधान नहीं किया और न ही विकास के नए स्रोतों का पता लगाने में कामयाब रहे। आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने राजन ने जीडीपी ग्रोथ में आई गिरावट के लिए निवेश, खपत और निर्यात में सुस्ती के अलावा एनबीएफसी क्षेत्र के संकट को जिम्मेदार ठहराया। इसके साथ ही रघुराम राजन ने नोटबंदी और जीएसटी के फैसले को भी घातक करार दिया है।
राजन ने कहा कि अगर नोटबंदी और जीएसटी के फैसले नहीं लिए गए होते तो अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही होती। बिना किसी सलाह या समीक्षा के नोटबंदी को लागू करने से लोगों को नुकसान हुआ और इसे करने से किसी को कुछ भी हासिल नहीं हुआ। राजन ने आगे कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था काफी बड़ी हो गई है और किसी एक व्यक्ति के द्वारा इसको चलाया नहीं जा सकता है। इसके परिणाम घातक होते हैं।


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