कांग्रेस प्रत्याशी पति के साथ कर रही चुनाव प्रचार भ्रमड में मांग रही जनता से आशीर्वाद

चित्रकूट ब्यूरो


मानिकपुर विधान सभा 237 मऊ मानिकपुर में चुनाव का बस कुछ ही हप्तो का समय शेष बचा  है। प्रत्यासीयों मे अपनी अपनी होड़  लगी हुई हैं। काग्रेस  प्रत्यासी के जीत का परचम  लहराने  के लिये पार्ट्री  के कई दिग्गज नेता अपनी ऐडी चोटी  का बल लगा चुनाव प्रचार के मैदान में कूद गये हैं। चुनाव की घोषणा के बाद प्रत्यासी ने अपने जन सम्पर्क की तिब्रता  इतनी तेज कर दी है। की बाकी पार्टी पूरी तरह फीकी नज़र आ रही हैं। पूरा दिन पार्टी कार्यकर्ताओ ने गरम  जोसी  के साथ प्रचार कर रंजना बरातीलाल पाण्डेय को बोट  डालने की अपील की।


पाठा की दिलोजान बनी उनके  कन्धे से कन्धा मिलाकर चलने वाली रंजना पाण्डेय लोगो के बीच पहुचकर हर सम्भव मदद का भरोषा दिलाया और पूरी निष्ठा के साथ कार्य करने का अश्वासन दिया। वही काग्रेस  प्रत्यासी लगातार चुनावी जनसभा वा लोगो के बीच पहुच एकबार मौका देने का जनता का आशिर्वाद लिया मऊ अहिरी लालतारोड़,रामनगर,रैपुरा,अगरहुडा,भौरी,ऐचवारा,खरौध,सेंमरदहा,सरैयां,मदना,नयाचद्रा,चद्रामारा,रम्पुरियां मुस्लिमपुरवा, बाई का कुआ, मानिकपुर आदि दर्जनो जगह जन सम्पर्क कर जिताने की अपील की।


इस  उपचुनाव की एक दिलचस्प घटना है। यह घटना महिला सशक्तिकरण की है। यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि बुंदेलखण्ड देश और प्रदेश का सबसे पिछड़ा भूभाग है , इसकी वास्तविक प्रकृति दलित की है। दलित कोई जाति बस नहीं बल्कि यह सोच है , जो अत्यंत पिछड़ा और दबाया हुआ हो। यही हाल बुंदेलखण्ड के सबसे पिछड़े जनपद में महिला नेतृत्व को लेकर भी है। किन्तु पति के रूप में बरातीलाल पाण्डेय ने अपनी पत्नी रंजना पाण्डेय को नेतृत्व के क्षेत्र में आगे बढ़ाकर उत्तम कार्य किया है। कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में वह जनता के बीच पहुंच रही हैं। 


रंजना पाण्डेय स्थानीय महिला हैं। आम जन के स्वभाव वाली नेत्री हैं। बरातीलाल पाण्डेय का संघर्ष छात्र राजनीति से शुरू हो जाता है और अब जाकर किसी दल से उनकी पत्नी को चुनाव लड़ाया गया। एक लंबा समय युवाओं और राजनीति के बीच उन्होंने दिया। 


जीवन में रिश्ते काम आते हैं। यह तय हैं कि बराती लाल पांडेय के बनाए हुए रिश्ते काम आएंगे। एक आदमी रिश्तों का धनी होता है। रंजना बरातीलाल पाण्डेय रिश्तों की धनी है। उन्होंने अपने जीवन में सभी का सम्मान कर और वक्त में साथ देकर सत्कर्म किए हैं तो संभव है कि चुनाव में इस सत्कर्म का फल अवश्य मिलेगा। 


एक दंपत्ति के रूप में वे जनता से वोट मांगते हैं। एक साथ भी घर से निकल कर क्षेत्र पहुंच जाते हैं। जनहित के मुद्दे पर वोट देने की प्रार्थना करते हैं। कहते हैं प्रार्थना में बड़ी ताकत होती है और जनता उनकी प्रार्थना को सुन रही है। प्रार्थना का फल परमात्मा हमेशा देती है तो जनता भी प्रार्थना का उत्तम फल प्रदान करती है। 


कुलमिलाकर देखा जाए तो यह इतिहास की बड़ी घटना है। इसका आकलन साधारणतया कोई करे ना करे परंतु एक स्त्री को नेतृत्व के पथ पर ला खड़ा करना बड़ा पौरूष है और यह पुरूषार्थ बरातीलाल पाण्डेय में नजर आता है। मऊ मानिकपुर उपचुनाव के चलचित्र आम आदमी के जेहन में जरूर दर्ज हो रहे हैं। तमाम जातीय समीकरण और चुनावी संघर्ष में किसी एक को चुनकर जनता फैसला करेगी। जबकि परिश्रम के बल पर और जनता की सेवाभाव को लेकर रंजना बरातीलाल पाण्डेय जनता के पास पहुंचकर स्वयं को सर्वोत्तम विकल्प बताने का काम कर रहे हैं।


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