अजमेर दरगाह अब आधी रात के बाद कुछ घंटे होगा पूरा दरगाह परिसर जायरीन मुक्त खादिम समुदाय का सराहनीय कदम

राष्ट्रीय खबरराजस्थान (स्वतंत्र प्रयाग):-अजमेर स्थित अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की ऐतिहासिक दरगाह परिसर अब तक राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आगमन पर ही खाली होता था, लेकिन अब दरगाह परिसर रोजाना रात में एक बजे खाली करवाया जाएगा। सुरक्षा से जुड़े इस महत्वपूर्ण फैसले पर दरगाह के खादिम समुदाय और पुलिस प्रशासन में सहमति भी हो गई है। इस सहमति के बाद 15 अक्टूबर की रात को पूरा दरगाह परिसर जायरीन मुक्त करवाया गया। अब ऐसी कार्यवाही रोजाना होगी। असल में दरगाह परिसर में संदिग्ध व्यक्तियों के जमा होने की गोपनीय सूचनाएं लगातार मिल रही थी। स्थानीय पुलिस और खादिम समुदाय का भी मानना रहा कि दरगाह परिसर में ऐसे व्यक्ति देखे गए हैं, जिनकी पहचान नहीं हो रही है। हालांकि दरगाह परिसर को खाली करवाने का निर्णय आसान नहीं था, क्योंकि अब तक राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आगमन पर ही दरगाह को खाली करवाया जाता था, लेकिन जिला पुलिस अधीक्षक कुंंवर राष्ट्रदीप ने दरगाह से जुड़े सभी पक्षों से संवाद किया और दरगाह परिसर को खाली करवाने पर सहमति बनवाई। अब न केवल खादिम समुदाय बल्कि दरगाह दीवान सैय्यद जैनुअल आबेदीन का परिवार और केन्द्र सरकार के अधीन काम करने वाली दरगाह कमेटी के पदाधिकारी भी सहमत हैं। सभी पक्ष चाहते हैं कि दरगाह और उसके आसपास शांति बनी रहे। पुलिस प्रशासन को खादिम समुदाय ने जिस प्रकार सहयोग दिया है, वह अपने आप में काबिले तारीफ है। असल में दरगाह के अंदर खादिम समुदाय के ही इंतजाम चलते हैं। सभी धार्मिक रस्में खादिमों द्वारा ही की जाती है। दरगाह कमेटी भी खादिमों को विश्वास में लेकर कार्य करती है। कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान ने खादिमों से अच्छा तालमेल बना रखा है। खादिमों की संस्था अंजुमन सैय्यद जादगान के सचिव वाहिद हुसैन अंगारा शाह ने बताया कि रात एक बजे दरगाह परिसर को खाली करवाने से दरगाह की किसी भी धार्मिक परंपरा पर असर नहीं पड़ेगा। खादिम समुदाय भी चाहता है कि दरगाह परिसर में कोई संदिग्ध व्यक्ति नहीं रहे। 
दरगाह क्षेत्र में भी चले अभियान:
पुलिस प्रशासन को दरगाह के आसपास के क्षेत्रों में भी अभियान चलाना चाहिए। कई मौकों पर दरगाह क्षेत्र से बड़े अपराधी पकड़े गए हैं। चूंकि दरगाह क्षेत्र घनी आबादी वाला है, इसलिए अपराधियों को छिपने में सुविधा रहती है। कई बार कुख्यात अपराधी कई दिनों तक ठहरने के बाद चले जाते हैं।


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