37 वर्षों बाद बन रहा दीपोत्सव मुहूर्त का महासंयोग , इस समय पूजा करना रहेगा फलदायक
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नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग )लखनऊ : कल दीपावली है और पूरे देश में दीपावली धूमधाम से मनाई जाएगी। कल जो योग बन रहा है वह महासंयोग 37 साल बाद बन रहा है। दिवाली के दिन सूर्यदेव का दिन, चित्रा नक्षत्र और अमावस्या वाला 37 साल बाद ये महासंयोग महालक्ष्मीजी की कृपा बरसाएगा। इसके साथ ही मां काली की आराधना भी फलेगी। कार्तिक मास की चतुर्दशी 27 अक्तूबर को दिवाली धूमधाम से मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि हिंदू शास्त्रों के मुताबिक कोई भी पूजा बिना दीपक जलाए पूरी नहीं मानी जाती है। पद्म योग में यदि माता लक्ष्मी को सफेद कमल के 16 पुष्प अर्पित किए जाएं, तो माता जरूर प्रसन्न होंगी और भक्तों को स्थिर धन की प्राप्ति होगी। माता लक्ष्मी का नाम चंचला है, वह चंचल हैं। वह किसी के पास स्थिर नहीं रहती हैं, इसलिए स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए यह उपाय श्रेष्ठ है।
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त
दिवाली को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त रविवार शाम को 6 बजकर 45 मिनट से रात 8 बजकर 41 मिनट तक है। इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजा के समय माता लक्ष्मी को शमी का पत्ता और केसरिया रंग को कोई फूल अवश्य अर्पित करें। ये दोनों ही चीजें माता लक्ष्मी को प्रिय हैं।
विज्ञापन-:समस्त प्रदेश वाशियो को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
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