श्रीराम मंदिर शिलान्यास 5 अगस्त के मुहूर्त पर भी उठ रहा सवाल
प्रयागराज (स्वतंत्र प्रयाग न्यूज)देश में फिलहाल राम मंदिर भूमि पूजन के मुहूर्त को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, फिरहाल 5 अगस्त को अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। लेकिन राम मंदिर भूमि पूजन के मुहूर्त की तारीख को लेकर विवाद शुरू हो गया है। देश के संतों व धर्माचार्यों ने हिंदू शास्त्रों के अनुसार भूमि पूजन के समय को अशुभ बता रहे हैं। इसी प्रकरण में पूज्य श्री जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने भी 5 अगस्त को हो रहें भूमि-पूजन के समय को अशुभ बता ही रहे हैं। इसके अलावा कई धर्म गुरु भी इस मुहूर्त में राम मंदिर भूमि पूजन के मुहूर्त पर प्रश्न खड़ा कर रहे हैं। आइए जानते हैं आखिर राम मंदिर के भूमि पूजन के समय और मुहूर्त के लेकर क्यों विवाद पैदा हो रहा है।
5 अगस्त के दिन दोपहर के 1 बजकर 15 मिनट पर मंदिर का भूमि पूजन किया जाएगा।
जब से मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तारीखों का एलान काशी के संतों और पंडितों के द्वारा निर्धारित की गई। तभी से तारीख पर हिंदू शास्त्रों के अनुसार सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ संतों व धर्माचार्यों का मानना है कि मंदिर निर्माण के शुभारंभ का मुहूर्त सही नहीं है। संत व धर्माचार्यों लोग भाद्रपद माह की 5 तारीख को अशुभ मान रहे हैं।
हिंदू शास्त्र का मानना है कि कोई कार्य उत्तम काल खंड में शुरू किया जाता है। पांच अगस्त को दक्षिणायन भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। शास्त्रों में भाद्रपद मास में गृह-मंदिरारंभ निषिद्ध है।
5 अगस्त को अभिजित मुहूर्त होने के कारण इसे शुभ मुहूर्त मानना भी सही नहीं है। मुहूर्त चिंतामणि के विवाह प्रकरण में बुधवार को अभिजित निषिद्ध है। कर्क के सूर्य में रहने तक सिर्फ श्रवण मास में शिलान्यास हो सकता है, भाद्रपद में नहीं। शास्त्र व विद्वानों के अनुसार चातुर्मास में शुभ मुहूर्त का संयोग नहीं बन रहा है।
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