राहुल बजाज के राजनैतिक बयान ‘डर का माहौल' पर, कांग्रेस बोली- कोई तो है जो बोल रहा है
नईदिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग) उद्योगपति राहुल बजाज के बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रिया आने लगी है. कांग्रेस राहुल बजाज के समर्थन में उतर आई है और कहा है कि खुशी है कि कोई तो बोल रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि खुशी है कि कोई तो बोल रहा है।
बता दें कि मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान उद्योगपित राहुल बजाज ने गृह मंत्री अमित शाह को कहा था कि इस वक्त डर में लोगों के बीच खौफ का माहौल है, जो सरकार की आलोचना करने से दूर भागते हैं, क्योंकि उन्हें विश्वास नहीं है कि उनकी आलोचना को सरकार में किस तरह लिया जाएगा।
उद्योगपति राहुल बजाज के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि विज्ञापन में इंडियन कॉरपोरेट इइंस्ट्री का एक टैगलाइन है कि आप बजाज को हरा नहीं सकते हैं। गृह मंत्री को भी पता चल गया है कि वो बजाज को चुप नहीं कर सकते हैं। वहीं कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कई सालों के बाद कॉरपोरेट वर्ल्ड से; जो अबतक विपक्ष को ही नसीहत देते आए है; किसी ने हिम्मत दिखाकर सच्चाई कही है।
इसी पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि सिर्फ उद्योगपति ही नहीं, हर तबके में एक डर सा माहौल बना हुआ है। सभी ये बात कह रहे हैं। यूपीए के समय लोग प्राइम टाइम का इस्तेमाल सरकार की आलोचना के लिए करते थे, और इसकी संस्कृति भी होनी चाहिए, यह स्वस्थ परंपरा है. लेकिन आज लोग सरकार के बारे में बात करने से भी डरते हैं. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने उग्र विचारों को भी बहुत सामान्य बना दिया है कि एक सांसद हैं जो गोडसे को देशभक्त कह रही हैं। हम और क्या कह सकते हैं?
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सीपीएम नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा कि आज पूरे हिंदुस्तान में एक भय का माहौल है. समाज के हर हिस्से के लोग मोदी सरकार से नाखुश हैं। उन्होंने कहा कि यह परिस्थिति हमारे लोकतंत्र में जन भागीदारी के लिए खतरनाक है।
वहीं पर आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि यह हकीकत है कि जो कोई सरकार को आईना दिखाने की कोई कोशिश करता है तो उसके पीछे सीबीआई छोड़ दी जाती है या ईडी या कोई जांच एजेंसी लगा दी जाती है और उसे परेशान किया जाता है. उन्होंने कहा कि ये मौजूदा सरकार का रवैया हो गया है, जिसका जिक्र राहुल बजाज ने किया है.
उन्होंने कहा कि राहुल बजाज के बयान से हम पूरी तरह से से सहमत हैं, लेकिन इस आवाज के उठने में थोड़ी देर हो गई है. ये आवाज पहले उठनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि अगर उद्योगपति एकजुट होकर आवाज उठाते तो सरकार का रास्ता थोड़ा घूम सकता था, लेकिन आज बात बहुत आगे निकल गई है.
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