अवैध हथियार बनाने और रखने पर अब होगी उम्रकैद, नए हथियार कानून पर संसद की मुहर
नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग)- नए हथियार कानून के तहत कोई भी व्यक्ति दो लाइसेंसी हथियारों के अलावा पूर्वजों से मिले तीसरे हथियार को निष्क्रिय करके उनकी निशानी के रूप में घरों में रख सकते हैं। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने आज राज्यसभा में आयुध संशोधन विधेयक 2019 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह आश्वासन दिया । इसके साथ ही सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया जिससे इस पर संसद की मुहर लग गयी।
लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। अवैध हथियारों के निर्माण पर आजीवन सजा के प्रावधान को संसद ने मंजूरी दे दी है। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, '1959 के अधिनियम में कई विसंगतियां थीं और इस विधेयक के माध्यम से उनको दूर किया जा रहा है।'
उन्होंने कहा कि गैर कानूनी हथियारों को बेचने और तस्करी करने वालों को आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है, इसमें किसी को आपत्ति नहीं हो सकती है।
इससे पहले सदन ने विधेयक को विचार विमर्श के लिए प्रवर समिति में भेजने के कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। रेड्डी ने कहा कि नये कानून के तहत एक पोर्टल तैयार किया जायेगा जिसमें देश भर के लाइसेंसी हथियारों का डाटा रहेगा और यहां तक कि बंदूकों की गोलियों पर सीरियल नंबर भी दर्ज किये जायेंगे जिससे यह पता चल सकेगा कि गोली किस फैक्ट्री में बनायी गयी है।
इसके अलावा हथियारों के लिए ई लाइसेंस भी जारी किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति दो लाइसेंसी हथियार रख सकता है जिसमें बंदूक और पिस्तौल दोनों हो सकते हैं। पूर्वजों से मिले तीसरे हथियार को बिना लाइसेंस के निष्क्रिय करके रखा जा सकता है लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि यह हथियार गोली दागने में सक्षम नहीं है।
विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि कोई भी व्यक्ति दो से अधिक लाइसेंसी हथियार नहीं रख सकेगा। हथियार कानूनों का उल्लंघन करने पर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें