जामिया सीएए संघर्ष मामलें में 10 लोगों की हुई गिरफ्तारी, इसमें से कोई भी छात्र नहीं


 
नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग): नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है। हालांकि असम में जारी हिंसा और तनावपूर्ण हालात के सामान्य होने का दावा करते हुए राज्य सरकार ने कर्फ्यू को हटाने का फैसला किया है। वहीं, पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में शाम 5 बजे तक इंटरनेट सेवाएं सस्पेंड रहेंगी।इस बीच जामिया विश्वविद्यालय और जामिया नगर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ रविवार को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।


दिल्ली पुलिस ने बताया है कि 15 दिसंबर को हुई घटना के सिलसिले में जिन दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है वह सभी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं। रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों में कोई भी छात्र नहीं थे ।
वहीं दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दिए बयान में कहा था कि यह घटना एक सोची-समझी रणनीति के तहत दिल्ली पुलिस प्रवक्ता ने बेहद सधी हुई बात की।  


दिल्ली पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस-वार्ता में इस बात का भी खुलासा हुआ कि इस कांड की जांच दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस से छीनकर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के हवाले कर दी गई है।दिल्ली पुलिस प्रवक्ता डीसीपी मंदीप सिंह रंधावा ने कहा, “रविवार को जामिया नगर और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में हुए बबाल में डीसीपी सहित कई पुलिसकमीर् जख्मी हुए थे।


दो एसएचओ को फ्रैक्चर हो गया। एक पुलिसकर्मी  अभी तक आईसीयू में जिंदगी मौत के बीच झूल रहा है। डॉक्टर्स उसकी जिंदगी बचाने की कोशिश में जुटे हैं।” पुलिस प्रवक्ता ने आगे कहा, “घटना में चार बसों को भीड़ द्वारा आग लगा दी गई। इसके अलावा 100 के करीब वाहनों को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया।


इन वाहनों में स्थानीय निवासियों के वाहन सहित दिल्ली पुलिस के भी कई वाहन शामिल थे। आगजनी और पथराव में कितने का नुकसान हुआ है, इसका फिलहाल आंकलन अभी नहीं हो सका है।”पत्रकारों से बातचीत में पुलिस प्रवक्ता ने इस बात से इंकार किया कि झगड़े की पहल दिल्ली पुलिस की तरफ से की गई। उन्होंने कहा, “दरअसल कुछ लोग वाहनों को आग लगा रहे थे। निदोर्षों पर पथराव कर रहे थे। उसी वक्त पुलिस ने उपद्रवियों को पीछा करके पकड़ने की कोशिश भी की। कुछ लोग पकड़ में आए भी।


तमाम संदिग्ध मौके से भाग गए, जिन्हें दिल्ली पुलिस की टीमों ने रविवार रात भर छापेमारी करके पकड़ा । रंधावा ने कहा, पथराव में 39 लोगों के जख्मी होने की खबर है, जिनमें हमारे पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। सभी घायलों की अस्पतालों में मेडिको लीगल रिपोर्ट्स (एमएलसी) भी बनाई गई है। ताकि आगे होने वाली तफ्तीश पर कोई विपरीत असर न पड़े।” उपद्रवियों ने क्या माहौल खराब करने के लिए पेट्रोल-बम का इस्तेमाल किया? पुलिस प्रवक्ता ने कहा, “हां बोतलों में पेट्रोल था।”पूरे फसाद की जड़ में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान का नाम सामने आने के सवाल पर पुलिस प्रवक्ता कन्नी काट गए।


उन्होंने कहा, “तमाम तथ्यों की विस्तृत जांच होनी अभी बाकी है। जांच पूरी होने से पहले कुछ कह पाना मुश्किल है।” दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया के विवादित ट्विट ने भी क्या फसाद को फैलाने के लिए आग में घी का काम किया? दिल्ली पुलिस प्रवक्ता ने कहा, “हर बिंदु पर जांच जारी है। जांच जिला रथ पुलिस से हटाकर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के हवाले कर दी गई है। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है तब तक इस संवेदनशील मुद्दे पर ज्यादा बात करना ठीक नहीं होगा।”


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