बदले की भावना से किया गया न्याय इंसाफ नहीं : CJI



नई दिल्ली(स्वतंत्र प्रयाग) : हैदराबाद में पशु चिकित्सक से रेप व हत्या के 4 आरोपियों की मुठभेड़ पर जहां एक खेमा खुशी मना रहा है वहीं दूसरा खेमा मुठभेड़ पर सवाल उठाते रहा है। इन्हीं दोनों खेमों की तरफ से आ रहे बयानों के बीच  
देश के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर ऐसा बदले की भावना से किया गया है तो न्याय कतई नहीं है।


इससे पहले ऐडवोकेट जीएस मणि और प्रदीप कुमार यादव ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कोर्ट में कहा है कि कार्रवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट के साल 2014 में दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया है।


याचिका में कहा गया है कि एनकाउंटर में शामिल पुलिकर्मियों के खिलाफ एफआईआर की जानी चाहिए और जांच करके कार्रवाई की जानी चाहिए। इस मामले में कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा।


एक कार्यक्रम के दौरान एस ए बोबडे ने कहा है कि अगर बदले की भावना से न्याय किया जाए तो वह अपना चरित्र खो देता है। उन्होंने कहा, देश में हाल की घटनाओं ने नए जोश के साथ पुरानी बहस छेड़ दी है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपराधिक न्याय प्रणाली को अपनी स्थिति और आपराधिक मामलों को खत्म करने की ढिलाई पर पुनर्विचार करना चाहिए।


वहीं इस मामले को लेकर अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी सक्रिय हो गया है। शनिवार को आयोग की टीम ने हैदराबाद पहुंचकर जांच की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एनएचआरसी की टीम ने महबूबनगर के सरकारी अस्पताल का भी दौरा किया, जहां चारों आरोपियों के शव पोस्टमॉर्टम के बाद रखे गए


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