प्रज्ञा ठाकुर ने नाथूराम गोडसे पर लोकसभा में दोबारा मांगी माफी, कहा-नहीं कहा देशभक्त
नई दिल्ली (स्वतंत्र प्रयाग): लोकसभा में नाथूराम गोडसे को लेकर की गई टिप्पणी पर शुक्रवार को बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को दोबारा माफी मांगनी पडी है। पहली बार माफीनामा पढ़ते हुए साध्वी ने कहा था कि वह माफी तो मांग रही हैं, लेकिन उनकी टिप्पणी को संदर्भ से हटाकर प्रचारित किया गया। उनकी इस माफी विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और बिना किसी लाग-लपेट के साफ शब्दों में फिर से बिना सफाई दिए एक वाक्य में माफी मांगने की मांग की।
हंगामा बढ़ता देख लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी और सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच समझौते के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें तय हुआ कि बीजेपी सांसद सदन में दोबारा साफ-साफ शब्दों में माफी मांगेंगी। 3 बजे जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो निर्देश के मुताबिक, प्रज्ञा ठाकुर ने नया माफीनामा पढ़ा।
प्रज्ञा ने दूसरी बार के माफीनामे में कहा, 'मैंने 27-11-2019 को एसपीजी बिल की चर्चा के दौरान नाथूराम गोडसे को देशभक्त नहीं कहा। नाम ही नहीं लिया, फिर भी किसी को ठेस पहुंचती हो तो मैं खेद प्रकट करते हुए क्षमा चाहती हूं।' इससे पहले, सुबह लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अध्यक्ष ओम बिड़ला से मांग की कि वह बुधवार की टिप्पणी के लिए प्रज्ञा ठाकुर से माफी मांगने को कहें।
फिर अध्यक्ष ने प्रज्ञा को अपनी बात रखने को कहा। अध्यक्ष के निर्देश पर प्रज्ञा ने नियम 222 का हवाला देते हुए अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा, 'बीते घटनाक्रम में सबसे पहले मैं सदन में मेरे द्वारा की गई किसी भी टिप्पणी से यदि किसी भी प्रकार से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं खेद प्रकट कर क्षमा चाहती हूं।
परंतु मैं यह भी कहना चाहती हूं कि संसद में दिए गए मेरे बयानों को तोड़-मरोड़ कर गलत ढंग से पेश किया गया है। मेरे बयान का संदर्भ कुछ और था जिसे गलत ढंग से इस रूप में पेश कर दिया गया। जिस प्रकार से मेरे बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया है, वो निंदनीय है।'
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