एनसीपी के नेता छगन भुजबल ने कहा- हमारे एक या दो विधायक हैं गायब

मुंबई (स्वतंत्र प्रयाग): महाराष्ट्र में सत्ता के लिए चल रहे उठापटक के बीच आज का दिन बेहद अहम है। आज सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट पर है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट से आज जो फैसला आएगा उससे आगे की दशा और दिशा तय होगी। कल की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने आज फिर सुनवाई की तारीख दी थी।


साथ ही केंद्र, राज्य, फडणवीस और अजित पवार को नोटिस दिया गया। बीजेपी जहां सरकार बनाने के बाद बहुमत हासिल करने की जद्दोजहद में जुटी हुई है तो विपक्षी खेमा अपने विधायकों को टूटने से बचाने में लगा हुआ है।


इसी क्रम में सोमवार तड़के लगभग 5 बजे एनसीपी के दिग्गज नेता छगन भुजबल अपने विधायकों से मिलने होटल हयात पहुंचे। दूसरी तरफ एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि पार्टी के 54 में से 52 विधायक शरद पवार के साथ एकजुट हैं और अजित पवार अब अकेले पड़ गए हैं।



भुजबल ने कहा- मैं यहां अपने विधायकों से मिलने आया हूं। हमारे एक या दो विधायक ही यहां नहीं हैं। बाकी हमारी पूरी संख्या है। बता दें कि महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट से पहले सभी दल अपने-अपने विधायकों को होटल में रखे हुए हैं। विधायकों पर सभी दल कड़ी नजर रख रहे हैं। महराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने शरद पवार की पार्टी से विधायक टूटने की संभावना जताई जा रही है।


इसी वजह से पार्टी ने अपने सभी विधायकों को एक ही होटल में ठहराया है।मलिक ने कहा कि पार्टी के 52 विधायक वापस आ गए हैं और एक अन्य विधायक हमारे संपर्क में है। मलिक ने कहा कि पार्टी के 52 विधायक वापस आ गए हैं और एक अन्य विधायक हमारे संपर्क में है। मलिक ने शायराना अंदाज में बीजेपी पर निशाना भी साधा है।


बता दें कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के सीएम और अजित पवार के डेप्युटी सीएम पद पर शपथ को अमान्य करार देने के लिए कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।बीजेपी दावा कर रही है कि वह आसानी से फ्लोर टेस्ट के दौरान बहुमत हासिल कर लेगी। पार्टी ने बहुमत का जुगाड़ करने के लिए अपने चार नेताओं को मोर्चे पर लगाया है।


सूत्रों के मुताबिक नारायण राणे, राधाकृष्ण विखे पाटिल, गणेश नाइक और बबनराव पचपुते को दूसरे दलों के विधायकों से संपर्क की जिम्मेदारी दी गई है। खास बात यह है कि इनमें से राणे- विखे पाटिल कांग्रेस और नाइक एवं पाचपुते एनसीपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं।


दरअसल, शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने सभी को हैरान करते हुए शनिवार को बीजेपी को समर्थन दिया था और उपमुख्यमंत्री की शपथ भी ले ली थी।


जबकि उससे एक दिन पहले तक एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस के बीच सरकार बनाने के लिए गठजोड़ पर बातें चल रही थीं और शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे को गठबंधन का नेता भी मान लिया गया था।


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